Thursday, May 2, 2019

क्या हिमालय में सचमुच होते हैं येति?

येति या हिममानव एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. भारतीय सेना ने दावा किया है कि उसकी पर्वतारोही टीम ने नेपाल में मकालू बेस कैंप के पास येति के पैरों के निशान देखे हैं. सेना ने ट्विटर हैंडल पर इसकी कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं.

हिमालय की गोद में हिममानव या येति देखने का ये कोई पहला दावा नहीं. पिछली एक सदी में कई बार ऐसे दावे किए गए हैं. येति या हिममानव का क़िस्सा उससे भी पुराना है.

वैसे आप ने येति के पांवों के निशान देखे हों या नहीं, आप हिममानव की कल्पना बड़ी आसानी से कर सकते हैं. उसे देखें तो पहचान भी सकते हैं. बहुत सी फ़िल्मों, टीवी सिरीज़ और वीडियो गेम में येति के किरदार देखने को मिले हैं. इनमें डॉक्टर व्हू, टिनटिन और मॉन्स्टर इन्क. जैसी फ़िल्में शामिल हैं.

क़िस्से-किंवदंतियों का किरदार येति एक विशालकाय, झबरे बालों वाला जीव माना जाता है, जो कुछ इंसानों और कुछ विशालकाय बंदरों से मिलता है. इसके बड़े-बड़े पैर होने से लेकर बड़े और डरावने दांत होने तक की कल्पना की गई है. माना जाता है कि येति अक्सर हिमालय के बर्फ़ से ढंके इलाक़ों में अकेले घूमता है. ये इंसान के विकास के हिंसक दौर का प्रतीक है.

पर, सवाल ये है कि अक्सर जिस येति के सबूत होने के दावे किए जाते हैं, वो क्या हक़ीक़त में होता भी है? या ये सिर्फ़ कोरी कल्पना भर है?

पिछले कुछ दशकों में वैज्ञानिक तजुर्बों के ज़रिए येति की हक़ीक़त को सही साबित करने से लेकर झुठलाने तक की कोशिशें हुई हैं. पर, जिसका यक़ीन जैसा हो, उस हिसाब से वो ऐसे रिसर्च पर भरोसा करता है.

वैसे, वैज्ञानिकों का मानना है कि येति या हिममानव महज़ एक ख़याल है. हिमालय के येति की ही तरह पश्चिमी देशों में बिगफ़ूट या सैस्क्वैच जैसे विशालकाय बंदर-मानव के क़िस्से मशहूर हैं.

येति हिमालय की लोककथाओं की उपज है. ये पहाड़ी क़िस्सों का बहुत पुराना किरदार है. ख़ास तौर से नेपाल के पहाड़ी इलाक़ों में रहने वाले शेरपा के जीवन का तो ये अटूट हिस्सा है.

नेपाल के शिवा ढकाल ने येति के बारे में 12 लोककथाओं को अपनी किताब, 'फोक टेल्स ऑफ़ शेरपा ऐंड येति' में इकट्ठा किया है. इन सभी कहानियों में येति को ख़तरा बताया गया है.

मसलन, 'येति का विनाश' नाम के क़िस्से में एक शेरपा, क़हर बरपाने वाले येति के झुंड से बदला लेता है. इस क़िस्से में शेरपा शराब पीकर आपस में झगड़ते हैं. ऐसा कर के वो येति के झुंड को भी अपनी नक़ल करने के लिए उकसाते हैं. कहानी के मुताबिक़, इंसानों की नक़ल कर के येति भी शराब पीकर आपस में लड़ने लगते हैं. लेकिन, जल्द ही उन्हें ये साज़िश समझ में आ जाती है तो येति लड़ना बंद कर के हिमालय की ऊंची चोटियों में जाकर छिप जाते हैं, ताकि एक दिन इंसानों से बदला ले सकें.

शेरपाओं में लोकप्रिय एक और कहानी में येति या हिममानव एक लड़की से बलात्कार करता है. जिसके बाद उस लड़की की सेहत बिगड़ जाती है. एक और लोककथा में येति को सूरज चढ़ने के साथ ही और विशाल व बलवान होता बताया गया है. जबकि, उसे देखने वाले इंसान अपनी ताक़त खो बैठते हैं और बेहोश हो जाते हैं.

इन पहाड़ी क़िस्सों से स्थानीय लोग नैतिकता का सबक़ पढ़ते हैं. जंगली जानवरों से आने वाले ख़तरे के लिए तैयार होते हैं.

शिवा ढकाल कहते हैं कि, 'येति के क़िस्से लोगों को चेताने के लिए गढ़े गए. उन्हें नैतिकता के रास्ते पर चलाने के ज़रिए के तौर पर इस्तेमाल किए गए. ताकि बच्चे अपने परिजनों से ज़्यादा दूर अनजान जगहों की तरफ़ न जाएं और सुरक्षित रहें.'

शिवा ढकाल कहते हैं कि, 'कुछ लोगों का मानना है कि येति महज़ डराने के लिए गढ़ा गया किरदार है, जो पहाड़ों पर रहने वाले लोगों को हर मुश्किल का निडर होकर सामना करने के लिए तैयार करता है.'

लेकिन, जब पश्चिमी देशों के लोग हिमालय की सैर को जाने लगे, तो ये लोककथाओं का किरदार येति और भी बड़ा होता गया. और सनसनीख़ेज़ हो गया.

ब्रिटेन के राजनेता और अन्वेषक चार्ल्स होवार्ड-बरी कुछ लोगों को लेकर माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए गए. रास्ते में उन्हें कुछ विशाल पैरों के निशान दिखे. उन्हें बताया गया कि ये मेतोह-कांगमी यानी इंसान और भालू जैसे किसी जीव के पांवों के निशान हैं.

जब ये दल लौटा, तो एक पत्रकार ने उनसे बातचीत की. उसका नाम हेनरी न्यूमैन था. उसने मेतोह शब्द का अनुवाद गंदा और फिर घटिया के तौर पर किया.

इसी ग़लत रिपोर्टिंग से पश्चिमी देशों में येति या हिममानव का किरदार बेहद लोकप्रिय हो गया.

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