Monday, December 31, 2018

अफवाह है कादर खान के निधन की खबर, बेटे सरफराज ने दी ये जानकारी

Kader Khan In Hospital हाल ही में संवाद लेखक और सीनियर एक्टर कादर खान (Kader Khan ) की गंभीर बीमारी से जुड़ी खबरें आई थीं. इन खबरों के बाद उनके न‍िधन को लेकर भी कुछ ख़बरें सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रही हैं. अब कादर खान के बेटे ने पिता की बीमारी और हेल्थ को लेकर बयान दिया है.

कादर खान की मौत से जुड़ी खबरों को खारिज करते हुए उनके बेटे सरफराज ने PTI से कहा, "ये बातें फर्जी हैं और सिर्फ अफवाह भर हैं, मेरे पिता अस्पताल में हैं."  कादर खान को सांस लेने में तकलीफ है. डॉक्टर्स ने उन्हें रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर BiPAP वेंटिलेटर पर रखा है. बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज ने सलामती की दुआ की है.

कहां से फैली अफवाह?

कथित तौर पर कादर खान के निधन की खबरें ऑल इंडिया रेडियो के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी आई थीं. एआईआर के ट्वीट के बाद कुछ मीडिया संस्थानों ने भी मौत की खबर चला दी. बता दें बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और संवाद लेखक कादर खान की हालत खराब है. फिलहाल वो कनाडा में हैं.

कादर खान की सेहत की सलामती के लिए पिछले दिनों अम‍िताभ बच्चन ने भी ट्वीट किया था. अमिताभ ने कादर खान के साथ दो और दो पांच, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, सुहाग, कूली और शहंशाह में काम किया है.

कादर खान के मौत की झूठी खबर पहले भी कई बार फैली है. इस पर खुद कादर खान को भी कहना पड़ा था कि मैं मरा नहीं जिंदा हूं.  कादर खान हरफनमौला कलाकार हैं. उनकी और गोविंदा की जोड़ी को परदे पर काफी पसंद किया गया. इनमें दरिया दिल, राजा बाबू, कुली नंबर 1, छोटे सरकार, आंखें, तेरी पायल मेरे गीत, आंटी नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजाजी, नसीब, दीवाना मैं दीवाना, दूल्हे राजा, अखियों से गोली मारे आदि फिल्में कीं.

कादर कॉमेडी रोल्स के लिए काफी पसंद किए गए. वैसे उन्होंने खलनायक और तमाम चरित्र भूमिकाएं भी कीं. उन्होंने कई फिल्मों के मशहूर संवाद भी लिखे. पिछले कुछ समय से कादर अस्वस्थ चल रहे हैं. उन्होंने फिल्मों से पूरी तरह दूरी बना ली है.

दिल्ली यातायात पुलिस ने नए साल की पूर्व संध्या पर शहर में ट्रैफिक के सुचारू रूप से संचालन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. सबसे ज्यादा तवज्जो कनॉट प्लेस और इसके आसपास के इलाकों पर दी गई है, जहां रात को गाड़ियों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी. यातायात पुलिस ने जारी एक बयान में कहा कि कनॉट प्लेस में रात आठ बजे से लेकर जश्न खत्म होने तक सभी तरह के वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा. यातायात के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बी के सिंह ने कहा कि कनॉट प्लेस के इनर, मिडिल या आउटर सर्कल में गाड़ियों को जाने की इजाजत नहीं है.

अधिकारी ने कहा कि यातायात पुलिस शराब पीकर गाड़ी चलाने, सिग्नल तोड़ने और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाएगी.  बयान में बताया गया है कि मंडी हाउस गोल चक्कर, बंगाली मार्केट गोल चक्कर, रंजीत सिंह फ्लाईओर, मिंटो रोड, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग क्रॉसिंग, मुंजे चौक (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन) के पास चेम्सफोर्ड रोड से वाहनों को कनॉट प्लेस की ओर आने नहीं दिया जाएगा.

बी के सिंह ने बताया कि आरके आश्रम मार्ग-चित्रगुप्त, गोल मार्केट गोल चक्कर, जीपीओ, पटेल चौक, कस्तूरबा गांधी रोड-फिरोजशाह रोड क्रॉसिंग, जय सिंह रोड-बंगला साहिब लेन की ओर से भी गाड़ियों को कनॉट प्लेस की ओर नहीं बढ़ने दिया जाएगा. यातायात परामर्श के मुताबिक, वाहन चालक कनॉट प्लेस के आसपास कुछ स्थानों पर अपनी गाड़ियां खड़ी कर सकते हैं.

Monday, December 17, 2018

रामलला के वकील रविशंकर प्रसाद बोले- फास्टट्रैक हो केस की सुनवाई

आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शिरकत की. रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर भी बात की. उन्होंने कहा कि वह अपील करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द करें और फास्टट्रैक रूप में करें.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मामला पिछले करीब 70 साल से चल रहा है, पिछले दस साल से ये सूट सुप्रीम कोर्ट में है. अगर कर्नाटक, सबरीमाला, आतंकियों की फांसी से जुड़े मामलों पर आधी रात को भी सुनवाई हो सकती है, अन्य मामलों को कुछ ही समय में निपटाया जा सकता है. तो वह अपील करते हैं कि राम मंदिर से जुड़े मामले को भी जल्द से जल्द निपटाया जाए और फास्टट्रैक रूप में इसकी सुनवाई हो.

कानून मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. अध्यादेश लाने को लेकर उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए संवैधानिक मर्यादाओं के साथ सभी रास्तों के बारे में सोचा जाएगा.

इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सीधे तौर पर पूछा कि राहुल गांधी राम मंदिर के मुद्दे पर अपना रुख साफ करें. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राम मंदिर के अलावा अन्य मुद्दों पर भी राहुल गांधी पर निशाना साधा.

गौरतलब है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़ा मामला पिछले काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में इस मामले को टाल दिया गया था, अब इस मामले की नई सुनवाई जनवरी, 2019 में होगी. राम मंदिर के निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वीएचपी समेत कई अन्य हिंदू संगठन सरकार पर दबाव बना रहे हैं.

एजेंडा आजतक का सातवां संस्करण

लगातार 18 साल से भारत के नंबर वन न्यूज चैनल 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' का सातवां संस्करण आज से शुरू हो गया है. 17 और 18 दिसंबर' 2018 को दिल्ली में 'एजेंडा आजतक' में शामिल होंगे वे लोग जिन्होंने राजनीति, व्यापार, बॉलीवुड और क्रिकेट में कामयाबी की बुलंदियां हासिल की हैं.

Thursday, December 13, 2018

टाटा मोटर्स की गाड़ियां 1 जनवरी से 40 हजार रुपए तक महंगी होंगी

टाटा मोटर्स एक जनवरी से यात्री वाहनों की कीमतों में 40,000 रुपए तक बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उसका कहना है कि ईंधन महंगा होने और लागत बढ़ने की वजह से रेट बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा। कीमतों में बढ़ोतरी गाड़ियों के मॉडल और शहरों के आधार पर अलग-अलग होगी।

टाटा की कारों की कीमत 2.36 लाख से 17.97 लाख रुपए तक
टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों में नैनो कार से लेकर प्रीमियम एसयूवी हेक्सा तक शामिल हैं। इनकी एक्स-शोरूम (दिल्ली) कीमत 2.36 लाख रुपए से 17.97 लाख रुपए तक है।

टाटा मोटर्स के प्रेसिडेंट (पैसेंजर व्हीकल बिजनेस यूनिट), मयंक पारीक का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद भी कंपनी को आने वाले साल में ग्रोथ बरकरार रहने की उम्मीद है। कंपनी जनवरी में नई प्रीमियम एसयूवी हैरियर भी लॉन्च करेगी।

टाटा मोटर्स से पहले मारुति सुजुकी, टोयोटा किर्लोस्कर, बीएमडब्ल्यू और इसुजु कंपनियां भी जनवरी से गाड़ियों की कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर चुकी हैं। इन कंपनियों का कहना है कि प्रोडक्शन कॉस्ट और करंसी एक्सचेंज रेट बढ़ने की वजह से कीमतें बढ़ाने का दबाव है।

छत्तीसगढ़

यहां दो चरणों में वोटिंग हुई थी। पहले चरण में 12 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोटिंग हुई। 12 नवंबर से 9 दिसंबर तक 29 दिनों में ज्यादातर दिन लोगों ने कांग्रेस को सर्च किया। 12 नवंबर को कांग्रेस को 44 और भाजपा को 47 प्वॉइंट्स मिले, जबकि 20 नवंबर को कांग्रेस को 100 और भाजपा को 67 प्वॉइंट्स मिले।

इसी तरह से कांग्रेस के भूपेश बघेल और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अजीत जोगी के मुकाबले रमन सिंह आगे रहे। शुरुआती दिनों में अजीत जोगी गूगल सर्च में रमन सिंह से आगे थे।

12 नवंबर को गूगल पर रमन सिंह को 22 और अजीत जोगी को 31 प्वॉइंट्स मिले, जबकि भूपेश बघेल को सिर्फ 6 प्वॉइंट्स ही मिले। वहीं 20 नवंबर को रमन सिंह को 7 और अजीत जोगी 12 प्वॉइंट्स जबकि भूपेश बघेल को 10 प्वॉइंट्स मिले थे। 9 दिसंबर को रमन सिंह को 16 और अजीत जोगी और भूपेश बघेल को 8-8 प्वॉइंट्स मिले।

राजस्थान

यहां 7 दिसंबर को एक ही चरण में 199 सीटों के लिए वोटिंग हुई और 11 दिसंबर को नतीजे आ गए। 7 से 9 दिसंबर तक गूगल पर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ही ज्यादा सर्च की गई। 7 दिसंबर को कांग्रेस को 100 और बीजेपी को 99 प्वॉइंट्स मिले जबकि 9 दिसंबर को कांग्रेस को 76 और बीजेपी को 63 प्वॉइंट्स मिले।

इसी तरह वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट के बारे में ज्यादा सर्च किया गया। 7 दिसंबर को सचिन पायलट को 44, वसुंधरा को 9 और अशोक गहलोत को सिर्फ 5 प्वॉइंट्स मिले। जबकि 9 दिसंबर को सचिन पायलट को 34, वसुंधरा को 8 और अशोक गहलोत को 4 प्वॉइंट्स मिले।

Monday, December 10, 2018

2019 में श्याओमी लाएगी 5G फोन Mi Mix 3, 2Gbps की मिलेगी डाउलोडिंग स्पीड

चीनी कंपनी श्याओमी ने हाल ही में अपना स्मार्टफोन Mi Mix 3 लॉन्च किया था और अब कंपनी इसके 5G वर्जन पर काम कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 2019 तक इस फोन को यूरोप में लॉन्च कर सकती है। श्याओमी के 5G फोन में क्वालकॉम का लेटेस्ट चिप स्नैपड्रैगन 855 प्रोसेसर और X50 5G मोडेम का इस्तेमाल होगा।

2Gbps की मिलेगा डाउनलोडिंग स्पीड : एंड्रॉयड सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक, श्याओमी ने इस बात को कन्फर्म किया है कि, Mi Mix 3 में 2Gbps की डाउनलोडिंग स्पीड मिलेगी। हालांकि, डाउनलोडिंग और अपलोडिंग स्पीड नेटवर्क पर भी डिपेंड रहेगी। इसके अलावा, इस फोन में 10 जीबी तक रैम और 256 जीबी स्टोरेज के साथ 3200mAh की बैटरी मिलने की उम्मीद है।

पारी का 12वां ओवर अश्विन ने फेंका। आखिरी गेंद पर फिंच सामने थे। उन्होंने गेंद को खेलने की कोशिश की, लेकिन विकेट के पीछे ऋषभ ने उनका कैच पकड़ लिया। अंपायर ने आउट दे दिया, लेकिन फिंच को लगा कि शायद वे आउट नहीं हैं। उन्होंने इस बारे में कुछ क्षण हैरिस से बातचीत की और फिर पवेलियन की ओर बढ़ गए। उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 28 रन था।
दूसरा विकेट : ऑस्ट्रेलिया के स्कोर में 16 रन ही और जुड़े थे कि मोहम्मद शमी की गेंद को कट करने की कोशिश में मार्क्स हैरिस विकेट के पीछे ऋषभ के हाथों लपके गए। उन्होंने 26 रन बनाए।
तीसरा विकेट : फिंच के आउट होने पर मैदान में उस्मान ख्वाजा आठ रन पर थे। उन्होंने रविचंद्रन अश्विन की एक गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने की कोशिश की, लेकिन स्वीपर कवर में रोहित शर्मा ने उनका शानदार कैच पकड़ लिया। उस समय टीम का स्कोर 60 रन था।

चौथा विकेट : शुरुआती तीन बल्लेबाजों के आउट होने के बाद शॉन मार्श और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने चौथे विकेट के लिए 24 रन जोड़ लिए थे। तभी भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इशांत शर्मा की जगह शमी को गेंद थमाई। शमी ने पांचवीं गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब को मिड-विकेट पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच आउट करा दिया।

वेस्टमिंस्टर अदालत ने सोमवार को फैसला दिया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (62) को ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किया जाए। जज एम्मा आर्बुटनॉट ने कहा कि पहली नजर में माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने और मनी लॉन्डरिंग का केस बनता है। अदालत ने यह मामला अब ब्रिटिश सरकार को भेज दिया है। फैसले से पहले कोर्ट पहुंचे माल्या ने कहा था कि मैंने रुपए लौटाने का प्रस्ताव दिया है, यह झूठा नहीं था। मेरे इस ऑफर का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने पैसे चुराए नहीं। मैंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए अपने 4 हजार करोड़ रुपए इसमें लगाए थे।

माल्या पर भारतीयों बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। भारत ने पिछले साल फरवरी में यूके से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड में माल्या की गिरफ्तारी हुई लेकिन, जमानत पर छूट गया। उसके प्रत्यर्पण का मामला 4 दिसंबर 2017 से लंदन की अदालत में चल रहा है

Tuesday, November 20, 2018

सीबीआई चीफ का जवाब लीक: नाराज चीफ जस्टिस ने कहा

रिश्वतखोरी विवाद में सीबीआई चीफ आलोक वर्मा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब लीक हो जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि अाप में से कोई भी सुनवाई के लायक है।’’ सीबीआई चीफ ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट पर सोमवार को अपना जवाब दाखिल किया था। यह जवाब सीलबंद लिफाफे में दाखिल होने के बावजूद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लीक हुए दस्तावेज के आधार पर खबरें आई थीं।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच ने आलोक वर्मा की तरफ से पेश हुए वकील फली एस नरीमन को एक न्यूज पोर्टल की वह खबर बताई जिसमें सीबीआई चीफ के जवाब का जिक्र था।

आप सम्मानीय इसलिए सौंपा जिम्मा

बेंच ने कहा, ‘‘मिस्टर नरीमन यह सिर्फ आपके लिए है और इसलिए नहीं कि आप आलोक वर्मा के वकील हैं। हमने इसे (मीडिया रिपोर्ट) आपको इसलिए सौंपा क्योंकि आप इस संस्थान के सबसे सम्मानीय और वरिष्ठ सदस्यों में से एक हैं। कृपया हमारी मदद कीजिए।’’ इस बेंच में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसफ भी थे। नरीमन ने यह मीडिया रिपोर्ट देखकर कहा कि वे इससे स्तब्ध हैं कि जवाब लीक कैसे हो गया। नरीमन ने बेंच से कहा कि मीडिया को जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए, इसलिए न्यूज पोर्टल और उसके पत्रकारों को तलब किया जाना चाहिए।

विवाद के बाद नागेश्वर राव हैं एजेंसी के अंतरिम प्रमुख
सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त कर दिया था। जांच जारी रहने तक सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था। छुट‌्टी पर भेजे जाने के खिलाफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी से जांच करने को कहा था।

माेइन कुरैशी के मामले की जांच से शुरू हुआ रिश्वतखोरी विवाद
1984 आईपीएस बैच के गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। कुरैशी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग को आरोपों में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में उसे क्लीन चिट देने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे थे। इनमें 3 करोड़ एडवांस दिए गए। 2 करोड़ रुपए बाद में देने थे। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही 2 करोड़ रुपए की घूस ली।

Sunday, November 4, 2018

सऊदी अरब: क्या क्राउन प्रिंस सलमान का यह अंत है

'यह उनका अंत है', 'वो ज़हरीले हैं'. 'वो मेरे हीरो हैं.' 'हम लोग उन्हें प्यार करते हैं.'

सऊदी अरब के विवादित क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर लोगों की यह बँटी हुई राय है.

मोहम्मद बिन सलमान को लोग पश्चिम में एमबीएस के नाम से जानते हैं. तुर्की स्थित सऊदी के वाणिज्य दूतावास में दो अक्टूबर को सऊदी के ही जाने-माने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के बाद पश्चिम में एमबीएस की छवि या जो उनका ब्रैंड था, वो बुरी तरह से धूमिल हुआ है.

सऊदी आधिकारिक रूप से इनकार कर रहा है कि इस हत्या में क्राउन प्रिंस का कोई हाथ था. ख़ाशोज्जी की हत्या में कई चीज़ें बाहर आई हैं और क्राउन प्रिंस सलमान के भीतरी सर्कल दीवान अल-मलिकी में इसे लेकर सक्रियता रही.

ख़ाशोज्जी की हत्या में कई तरह के संदेह हैं जो क्राउन प्रिंस एमबीएस की तरफ़ भी जाते हैं.

ख़ाशोज्जी की हत्या में सऊदी अरब का तर्क पूरी दुनिया की समझ से बाहर है. ख़ाशोज्जी के खुलकर आलोचना करने को लेकर खाड़ी के देशों में कहा जाता था कि एमबीएस कुछ करना चाहते हैं.

एक बात यह भी कही जा रही है कि सलमान ने हत्या का आदेश नहीं दिया, लेकिन सऊदी के रॉयल कोर्ट के सलाहकार सऊद अल-क़ाहतानी की इसमें संलिप्तता कई सवाल खड़े करते हैं.

समस्या यह है कि सऊदी के बाहर उसके इन तर्कों पर कोई भरोसा नहीं कर रहा है. शुरू में तो सऊदी इस बात से ही इनकार करता रहा कि ख़ाशोज्जी सऊदी के वाणिज्य दूतावास से ग़ायब हुए हैं.

सऊदी यहां तक कहता था कि ख़ाशोज्जी दूतावास में आने के तत्काल बाद निकल गए थे. इसके बाद सऊदी ने कहा कि ख़ाशोज्जी दूतावास में आने के बाद उलझ गए थे और मामला बढ़ा तो मारे गए.

सऊदी के अभियोजक का अब नया बयान है कि ख़ाशोज्जी की हत्या पूर्वनियोजित थी.

ख़ाशोज्जी की हत्या के बाद से सऊदी के बयान और उसके रुख़ पूरी तरह से संदिग्ध रहे हैं. इससे साफ़ है कि अगर एमबीएस अच्छे वकीलों की मदद ले रहे होते और अच्छे मीडिया सलाहकार होते तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई होती.

एमबीएस इस मामले में पूरी तरह कटघरे में हैं. इस वाक़ये के बाद से पश्चिमी सरकारों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सऊदी को लेकर रुख़ बदला है.

1932 में सऊदी अरब एक देश के रूप में एकीकृत हुआ था. क्या ख़ाशोज्जी मामले में सऊदी के सीनियर राजकुमारों के भीतर एमबीएस को लेकर संदेह बढ़ रहा है?

एमबीएस की छवि बनी है कि वो केवल अमरीका को संतुष्ट करना चाहते हैं. दूसरी तरफ़ अब अमरीका के भीतर से ही आवाज़ आ रही है कि सऊदी को हथियार देने पर अमरीका को फिर से विचार करना चाहिए.

क्या सऊदी के क्राउन प्रिंस की गद्दी सुरक्षित है? यहां तक कि सऊदी शाही परिवार में भी एमबीएस के रवैऐ पर गंभीरता से चर्चा हो रही है. सत्ताधारी अल-सऊद फ़ैमिली में संकट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि रियाद में मंगलवार को अचानक से राजकुमार अहमद बिन अब्देलअज़ीज़ पहुंचे.

अहमद बिन अब्देलअज़ीज़ 82 साल के किंग सलमान के भाई हैं. वो लंदन से आए थे और सऊद हाउस में उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. यहां तक कि एमबीएस ने भी गले लगाया.

प्रिंस अहमद यमन में एमबीएस की तरफ़ से शुरू किए गए युद्ध के ख़िलाफ़ बोल चुके हैं. अहमद यमन में युद्ध के ख़िलाफ़ रहे हैं. प्रिंस अहमद ने इससे पहले कहा था कि वो रियाद लौटने से डरते हैं कि कहीं उन्हें नज़रबंद न कर दिया जाए. अब वो वापस आ गए हैं और सऊदी के नेतृत्व को मदद कर रहे हैं.

एमबीएस को चुनौती देने वाला कोई है?
अब सवाल उठ रहा है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान का भविष्य क्या है? पहली बात तो यह कि उन्हें कोई मज़बूत चुनौती देने वाला नहीं है.

33 साल के क्राउन प्रिंस का उदय और उनका उभार बहुत तेज़ी से हुआ है. पिछले साल जून में क्राउन प्रिंस बनने के बाद से उन्होंने सऊदी की सत्ता को पूरी तरह से अपने हाथों में ले लिया है.